लखनऊ: श्री रामसुरत राजभर ( MLC) ने "राष्ट्रीय राजभर स्मृति" पुस्तक का विमोचन अपने सरकारी आवास पर किया। रामसुरत राजभर ने राष्ट्रीय राजभर स्मृति पुस्तक का विमोचन के दौरान कहा कि यह समाज मे एक नई दिशा और चेतना देगी समाज के गौरवशाली इतिहास को लोगों तक पहुंचने में बहुत बड़ा योगदान रहेगा। इस दौरान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राणा विजय भारशिव ने कहा कि भारशिव क्षत्रिय राजवंश साम्राज्य के संस्थापक श्री वीरसेन देव राजभर जी रहे हैं। जिन्होंने रुद्र के 11 वे अवतार के रूप में कुषाणो यानी मलेच्छो की सत्ता को उखाड़ फेंकने के पश्चात कांतितपुर (मिर्जापुर) को भारत की राजधानी बनाई । और विजय की याद को चिरस्थायी बनाने के लिए काशी के पवित्र घाट पर 10 अश्वमेध यज्ञ किया शिव का भार अपने कंधों पर उठाने के कारण भारशिव क्षत्रिय कहलाए। जो कालांतर में भर या राजभर क्षत्रिय के रूप में जाने जाते हैं।
राणा विजय भारशिव ने कहा कि जिस तरह से लखनऊ में महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की प्रतिमा लगाई गई है इस तरह से देश की राजधानी दिल्ली में महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की प्रतिमा लगाई जाने के लिए भारत सरकार से मांग किया इस दौरान संगठन के युवा राष्ट्रीय महामंत्री अर्जुन राजभर, जिला अध्यक्ष अंबेडकर नगर से श्री दीपक राजभर जिला अध्यक्ष उन्नाव से सुजीत कुमार मौर्य महिला प्रदेश अध्यक्ष श्री शीला राजभर लखनऊ जिला अध्यक्ष श्री दरोगा राय राजभर मिर्जापुर के जिला अध्यक्ष श्री सोनू राजभर आदि मौजूद रहे।
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