उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की खाली 6 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने नाम तय कर लिया था इनमें से हंसराज विश्वकर्मा जो वाराणसी से आते हैं तथा दूसरा रामसूरत राजभर जो आजमगढ़ जनपद से हैं । दोनों की सूचना के बाद समर्थकों में खुशी की लहर आ गई है ।
राजनीतिक जीवन
रामसूरत राजभर 1980 में से ही भाजपा के सक्रिय सदस्य में शामिल हो गए और उनकी गिनती भाजपा के दिग्गज नेताओं में की जाती है इसके बाद उन्होंने 1996 में पहली बार फूलपुर विधानसभा से लड़ा थे ।
1999 में आजमगढ़ के सदर संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाए गए जिसमें उन्होंने 117878 वोट मिले थे किसी भी प्रत्याशी के रूप में इस सीट पर रमाकांत यादव और दिनेश लाल यादव निरहुआ इतना वोट हासिल कर सके हैं l इसके बाद 2007 में भी उन्होंने फूलपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा और 2017 में जब बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में कूद पड़े हालांकि इन चुनावों में उन्हें जीत हासिल हुई 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर उन पर विश्वास जताते हुए प्रत्याशी बनाया।
रामसूरत राजभर लगातार चुनाव हार के बाद भी पार्टी को मजबूत करने में लगे रहे और अब पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें विधान परिषद सदस्य मनोनीत किया है जिसे पार्टी के कार्यकर्ताओं में हर्ष व्याप्त है।
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