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उत्तर प्रदेश: अलग-अलग रंगों के ट्रैक्टर होंगे खेती और व्यवसाय के लिए ।

लखनऊं: ट्रैक्टर ट्राली खेती और व्यवसायिक कार्यों में भी होता रहा है जबकि इनका पंजीकरण आरटीओ कार्यालय ने भी अलग अलग होता है इनकी पहचान के लिए और कोई आधार नहीं होता है । सरकार इनकी पहचान के लिए इनके रंगों को अलग अलग करना चाहती है । जिससे रंगों के आधार पर इनकी पहचान की जा सके ।

कानपुर लखनऊ बरेली में ट्रैक्टर ट्राली पलटने से कई लोगों की मौत होने के बाद सरकार ने इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इनके मानकों पर मंथन कर रही है प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर पांच सदस्य टीम गठित कर दिया गया है जिसको यह तय करना होगा कि कृषि और गैर कृषि के लिए ट्रैक्टर ट्राली का पहचान कैसे हो इसको लेकर पांच सदस्य टीम ने ट्रैक्टर और ट्राली के रंगों का अलग अलग करने पर निर्णय ले सकती है । जिसको दीपावली से पहले शासन को रिपोर्ट नहीं देनी है । ट्रैक्टर का उपयोग कृषि के अलावा व्यवसाय कार्यों में इस्तेमाल होता रहा है । जिसको लेकर आए दिन कोई ना कोई घटना होती रही है । लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है कि खेती और व्यवसाय करने वाले ट्रैक्टरो की पहचान करना जरूरी है। लेकिन कमेटी अभी तक ठोस निर्णय नहीं ले पाई है कि केवल रंग बदलने से काम चल जाएगा या इनके मानकों में भी बदलाव करना होगा जैसे ट्रैक्टर ट्राली की सुरक्षा के को ध्यान में रखते हुए इनके कार्यों के आधार पर इनके मानक तय किए जाएंगे । ट्रैक्टरों के लिए वर्ष 2002 में बनाए गए नियमों में सुधार किया जाएगा नियम बनाने के बाद अभी तक किसी भी जिलों में इसकी जांच नहीं हो पाई है लेकिन अब इसमें बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है जो बहुत जरूरी है ।
पांच सदस्य कमेटी में 5 नए नियमों को शामिल कर सकती है ।
1 कृषि और गए कृषि ट्रैक्टर ट्राली के रंग में बदलाव होना चाहिए ।
2 वाहन फोर सॉफ्टवेयर मैं टैक्टर का ब्यौरा दर्ज होना चाहिए ।
3 हर 2 साल में फिटनेस होना चाहिए l
4 ट्राली के पीछे इंडिकेटर होना चाहिए l
5 सुरक्षा के लिए बदलाव होना चाहिए ।


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