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गुजरात निकाय चुनाव बंपर जीत में बीजेपी, कांग्रेस ब, आप का दिखा दम, समझिए इसके मायने

अहमदाबाद. गुजरात में 6 नगर निगमों के नतीजों/रुझानों (Gujarat Municipal Election Result) 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूती को साबित कर दिया है कि गुजरात के लोग प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह जी के साथ हैं वर्तमान समय में जिस तरह से प्रधानमंत्री जी के गढ़ में बंपर जीत हुई है इससे अंदाजा लगाया जाता है मजबूत है  वहीं कांग्रेस की हालत खराब रही है असदुद्दीन ओवैसी एआई एम आई एम(AIMIM)

आम आदमी पार्टी (AAP) निकाय चुनावों में कुछ खास नहीं कर पाई. हालांकि, सूरत में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर AAP ने कांग्रेस के माथे पर बल ला दिया है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए यह परिणाम बीजेपी के हौसले बुलंद करने वाले हैं. वहीं, इन नतीजों ने कांग्रेस को समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया है. वहीं कांग्रेस ने इन नतीजों को देखते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए समीक्षा करने के लिए मजबूर हो गई


अहमदाबाद समेत 6 महानगर पालिका (मनपा) की कुल 576 सीटों पर 21 फरवरी को वोट डाले गए थे. 6 में से 5 महानगर पालिका यानी अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, जामनगर और भावनगर में बीजेपी को बहुमत मिल गया गया है. सूरत में आम आदमी पार्टी (AAP) 18 सीटों पर आगे होकर दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है. उसने कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल दिया है.

निकाय चुनाव के नतीजों से एक बात साफ हो गई है कि गुजरात बीजेपी का गढ़ है और फिलहाल इस गढ़ में कोई दूसरी पार्टी सेंध नहीं लगा सकती. नतीजों से साफ है कि गुजरात में बीजेपी का तिलिस्म तोड़ पाना कांग्रेस तो क्या फिलहाल किसी विपक्षी दल की बस की बात नहीं है.

कांग्रेस को क्यों हुआ नुकसान?

सूरत में 2015 के चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस को नुकसान हुआ है. पाटीदार आरक्षण समिति (पास) ने चुनाव से पहले कांग्रेस का विरोध किया था. जबकि, आम आदमी पार्टी ने बड़ी चाल चलते हुए पाटीदार उम्मीदवारों को टिकट दिए और उसी क्षेत्र को केंद्र में रखकर प्रचार किया. यही वजह रही कि आम आदमी पार्टी यहां कांग्रेस से भी आगे निकल गई. पिछले निकाय चुनाव में सूरत की 120 सीटों में बीजेपी को 80 और कांग्रेस को 36 सीटें मिली थीं.


हार्दिक का नहीं हुआ हार्दिक स्वागत!

पिछले साल जुलाई में हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चित हुए हार्दिक ने पूरे गुजरात में निकाय चुनाव के लिए जमकर प्रचार अभियान चलाया, लेकिन नतीजों से साफ है कि हार्दिक का लोगों ने हार्दिक स्वागत नहीं किया. वही हार्दिक पटेल को जब अध्यक्ष बनाया गया था तो संभावना जताई जा रही थी कि कांग्रेस के लिए एक अच्छा और बढ़ता हुआ चेहरा होगा  हालाजी हार्दिक भी बहुत कुछ नहीं कर पाए हैं


पाटीदार समुदाय के गढ़ सूरत में भी मिली मायूसी

अहमदाबाद में हार्दिक पटेल ने पूरी ताकत झोंकी थी. उन्होंने सभी वार्ड में रैलियां की. नुक्कड़ सभा भी कीं. फिर भी कांग्रेस को यहां करारी शिकस्त मिली. वोटों की गिनती में तो एक वक्त पर एआईएमआईएम प्रत्याशी भी कांग्रेस उम्मीदवार से आगे निकलते दिख रहे थे. वहीं, बात करें सूरत की तो, तो यहां भी कांग्रेस की सूरत नहीं बदल पाई. पाटीदार समुदाय के गढ़ में भी कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने झटका दिया.


आप का बढ़ा कद

गुजरात नगर निगम चुनावों के नतीजों से तो साफ है कि आम आदमी पार्टी ने का कद बढ़ा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के पास अपने आधार को बढ़ाने के लिए ये जीत किसी बूस्टर से कम नहीं है. कांग्रेस ने इन चुनावों के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. वहीं दूसरी तरफ AAP के लिए नतीजे उत्साहित करने वाले हैं. आम आदमी पार्टी की बात की जाए तो आम आदमी पार्टी ने मजबूती से अपनी अपनी पैर फैलाते हुए नजर आ रही है और यह संभावना जताई जा रही है कि अगले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी उभर कर आ सकती है

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